केतकी का फूल
केतकी झाड़ीदार और सदाबहार पैदा है जो भारत में पाय जाने वाला फूल वाला पौधा है जिसको केवड़ा के नाम से भी जाना जाता है ये अपने दो रंगो में आता है एक पीला और दूसरा सफ़ेद।यह झाड़ीदार और बड़े आकार का होने के कारण इसको घरों में लगाने में कठिनाई होती है
केतकी का परिचय
Scientific name : Pandanus odorifer
Family: Pandanaceae
Origin: India ,South-East Asia
केतकी का फूल और पौधा की पहचान
केतकी का पौधा एक झाड़ीदार पौधा है जो आकार में बड़ा होता है यह आकर में तीन से चार मीटर तक बढ़ता है।इसकी शाखा नरम ,लचीली और झुकी हुए होती है इनकी पत्तियाँ का रंग गहरें हरे रंग सी चमकदार देखायी देती है इनमें काई प्रकार के फूल पाये जाते है एक सफ़ेद रंग का दूसरा पीले रंग का फूल पाया जाता है ये फूल एक साथ गुच्छे में खिलते है और इनमें चार से छे पंक्तियाँ पाए जाती है इन फूलो से मीठी सुदन्ध आती है।
केतकी का पौधा लगाने की विधि
केतकी का पौधा गर्म एवं आर्द्र जलवायु में पनपता है इसके लिए 6-8 घंटे की धूप अधिक आवश्यक होती है।इस पौधे को वैसे तो गमले में भी लगाया जा सकता है लेकिन उसके लिए पौधे की देखभाल अधिक करना पड़ता है एवं पौधे की वृद्धि को नियंत्रित करना पड़ता है। जिसमे कठिनाई होती है क्यों की इसका आकार बड़ा होता है।पौधे के लिए अच्छी जल निकास वाली एवं पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी का उपयोग करना चाहिए।
पौधों का रोपण दो विधि से किया जाता है एक तो बीज और दूसरी कटिंग के माध्यम से किया जाता है जिसमे कटिंग को पौधे की स्वस्थ शाखा से 15cm का हिस्सा काटा जाता है।एवं उसको मिट्टी में दो से तीन इंच अंदर दल दिया जाता है और बाद में थोड़ी मात्रा में पानी दिया जाता है
बीजों द्वारा पौधा तैयार करना एक लंबी प्रक्रिया है जिसके अधिक समय लगता है इसमें स्वस्थ बीजों का चयन किया जाता है और इस बीजों को कुछ समय तक पानी में डालकर रखा जाता है और बाद में गमलों में 1-2cm मिट्टी में दबा दिया जाता है और उपर से पानी दिया जाता है
कटिंग और बीज लगाने कि बाद पौधों को सप्ताह में दो बार बनी देना चाहिए एवं मिट्टी की ऊपरी सतह के सूखने पर पानी देना चाहिए।और महीने में एक बार पौधे की वृद्धि के लिए गोबर खाद ,कम्पोस्ट या जैविक खाद देना चाहिए जिससे पौधे की वृद्धि बरकरा रहे।
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केतकी का धार्मिक महत्व
केतकी के फूलो का हिंदू धर्म में अधिक महत्त्व है केतकी का फूलो कुछ ही भगवानों में अर्पित किया जाता है जिनका अपना-अपना महत्व होता है केतकी के फूलों को शिव जी को समर्पित नहीं किया जाता है पौराणिक कथा के अनुसार फूल को शिव जी में अर्पित नहीं किया जाता है यही फूल विष्णु जी और लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाता है।
केतकी का फूल का उपयोग
- केतकी की फूलो का उपयोग इत्र बनाने के लिए किया जाता है।
- आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए केतकी का फूल का उपयोग किया जाता है
- फूलो का इस्तेमाल पूजा में भी किया जाता है।
- फूलो का इस्तेमाल पेय पदार्थ में भी किया जाता है।
- त्वचा रोग में केतकी का फूलो का उपयोग किया जाता है।