मशरूम की खेती एक ऐसा व्यवसाय बन गया है जिसमे किसान कम लागत में अधिक मुनाफ़ा निकल रहे है क्योंकि मशरूम एक लोकप्रिय फसल है जिसकी माँग दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रही है इसका कारण मशरूम में पाये जाने वाले पोषक तत्वों है इसकी बाज़ार में माँग बढ़ने के कारण लोग मशरूम की खेती की ट्रेनिंग ले रहे है जिससे की उनको खेती से आर्थिक लाभ प्राप्त हो सके।
मशरूम की खेती की ट्रेनिंग के चरण
मशरूम की खेती की ट्रेनिंग से पहले आपको मशरूम की विभिन्न जानकारी के बारे में पता होना चाहिए जिसने मशरूम की क़िस्म, मशरूम के खेती के प्रकार, मशरूम उगाने की सामग्री आदि का पता होना आवश्यक है किसान को मशरूम की खेती की ट्रेनिंग के लिए आस-पास के कृषि विज्ञान कन्द्र या कृषि महाविद्यालय में जाकर ट्रेनिंग लेने चाहिए या फिर किसान अपने नजदीकी ट्रेनिंग सेंटर से भी ट्रेनिंग ले सकता है
मशरूम की क़िस्म (Varieties of Mashroom)
बटन मशरूम (Button Mushroom)
यह सबसे लोकप्रिय मशरूम की क़िस्म है इसकी खेती सबसे अधिक की जाती है यह सफ़ेद रंग की होती है इसकी खेती के लिए उपयुक्त तापमान 28-30 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए। खेती के दौरान 80-90% आर्द्ता और पर्याप्त मात्रा में वेंटीलेशन होना चाहिए। यह भारत में मौसम के अनुसार उत्तर पश्चिम मैदानों में सर्दियों के महीनों के दौरान और पहाड़ियों पर साल में 9-10 माह के लिए उगायी जाती है।
ऑयस्टर मशरूम (Oyster Mushroom)
इस मशरूम की खेती साल भर की जाती है बटन मशरूम के बाद यह मशरूम सबसे लोकप्रिय है इसके कमरे में 25-30 डिग्री कैल्सियस तापमान बनाए रखे और कमरे में उचित वेंटिलेशन प्रदान करे।इसके लिए कमरे की आर्द्रता 75-80% बनाये रखे।इस कटाई साल भर कर सकते है
पेडी स्ट्रॉ मशरूम (Paddy Straw Mushroom)
यह मशरूम आम तौर पर स्ट्रॉ या चीनी मशरूम कि रूप में जाना जाता है इसको वार्म मशरूम भी कहते है क्यों की ये अधिक तापमान में उगता है यह तेज़ी से बढ़ने वाला मशरूम होता है बढ़ती परिस्थिति के दौरान यह अपना फसल चक्र 4-5 सप्ताह के भीतर पूर्ण के लेता है
शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom)
यह एक प्रकार का औषधि मशरूम होती है जो की बटन मशरूम के बाद उत्पादन में दूसरे नंबर में आती है यह मशरूम स्वाद में बहुत अच्छी होती है और इसमें पोषक तत्वों का रूप में प्रोटीन और विटामिन अधिक मात्रा में पाई जाती है।इसकी खेती के लिए लकड़ी का बुरादा उपयोग किया जाता है एवं इसके मिश्रण का pH 5.5-6 होना चाहिए।
कम्पोस्ट की तैयारी (Compost Preparation)
मशरूम की खेती के लिए कम्पोस्ट तैयार करना महत्वपूर्ण चरण है जिसमे कम्पोस्ट तैयार करने के लिए पौधों के अपशिष्ट जैसे की अनाज का भूसा, गन्ने का खाई ,लवण जैसे यूरिया ,सुपरफास्फेट और जिप्सम ,एवं पूरक जैसे चावल का भूसी , गेहूं की भूसी और जल के मिश्रण से कम्पोस्ट को तैयार किया जाता है कम्पोस्ट में पूर्ण रूप से भूसा के टुकड़े एवं भूसा गीला होना चाहिए।कम्पोस्ट में 70-75% नामी होनी चाहिए और इसका pH मान लगभग 8.5 के आस पास होना चाहिए।इसमें नाइट्रोजन की मात्रा 1.5-2% के बीच में और अमोनिया किया सांद्रता लगभग 800-1000 ppm होनी चाहिए।
तैयार कम्पोस्ट को आप अपने व्यवस्था अनुसार बेड बना के उसमे कम्पोस्ट को बिछा सकते है या फिर कम्पोस्ट को 100-150 गेज की मोटी पॉलीथिन का उपयोग कर जिसकी क्षमता 10-12 किलोग्राम प्रति बेग हो उसमे कम्पोस्ट को डाल सकते है।जिसमे खाद को व्यवस्थित होने में दो सप्ताह का समय लगता है कम्पोस्ट और कमरे के तापमान को बनाए रखे क्यों की उच्च तापमान स्पॉन की वृद्धि के लिए हानि कारक होता है इसके लिए कमरे के तापमान लगभग 24 डिग्री सेल्सियस बनाये रखे
स्पॉनिंग (Spawning of Mashroom)
स्पॉन मशरूम के बीज को कहा जाता है कम्पोस्ट को स्पॉन में मिलने की प्रक्रिया को स्पॉनिंग खाते है इसकी भी अलग अलग विधि होती हैं जिसमे Spot spawning , Surface स्पेवनिंग और Layer spawning विधि शामिल है।
Surface Spawning का उपयोग अधिक किया जाता है क्योंकि यह आसान विधि होती है इसमें कम्पोस्ट के ऊपरी सतह पर स्पॉन (मशरूम के बीज) को समान रूप से फैलाया जाता है फिर स्पॉन को 3-5cm गहराई पर कम्पोस्ट के साथ मिला दिया जाता है और उसके ऊपरी भाग में कम्पोस्ट की एक पतली परत से ढक दिया जाता है।कमरे के तापमान को नियंत्रित करे और सापेक्ष आर्द्रता लगभग 90% तक बनाये रखे। जिससे स्पॉन की ग्रोथ अच्छी से हो सके।
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कटाई और उपज (Harvesting and Yield)
मशरूम की कटाई दो से चार सेमी के कैप में की जाती है।इसमें पहली फसल केसिंग के लगभग तीन सप्ताह बाद प्राप्त होती है मशरूम की कटाई पुआल से सटाकर हल्का सा घुमाव देकर की जाती है पूरी कटाई होने के बाद क्यारियों में रोगाणुहीन आवरण सामग्री और फिर पानी से भर देना चाहिए
मशरूम की खेती से लाभ
- मशरूम की खेती कम जगह से शुरू कर सकते है।
- खेती की शुरुआत कम लागत में कर सकते है।
- कम लागत में अधिक मुनाफ़ा प्राप्त होता है।
- मशरूम स्वस्थ के लिए लाभदायक होती है।क्योंकि इसमें पोषक तत्व पाए जाते है।
- इसकी खेती से लोगो को राजगार का अवसर प्राप्त होते है।
FAQ
मशरूम की खेती में कितना खर्च आता है
मशरूम खेती का खर्चा आपकी क्षत्रफल के ऊपर निर्भर करता है आप जितनी बड़े क्षत्रेफल में खेती करेंगे उतना ही अधिक खर्चा होगा।
मशरूम की खेती कैसे करें घर पर
ब्लॉग में दी बाई इनफार्मेशन को फॉलो के आप अपने घर में छोटे पैमाने में मशरूम की खेती कर सकते है।
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