मूंगफली की उन्नत खेती
मूंगफली की उन्नत खेती का समय शुरू हो गया है जिसमे किसान भाई खेती की तैयारी शुरू के दिए है तो आज में आपको इस लेख हम आपको बतायेंगे की मूंगफली की उन्नत खेती कैसे करें, खासकर बरसात यानी खरीफ सीजन में, इस लेख के माध्यम से हम आपको ए टू जेड संपूर्ण जानकारी साझा करने जा रहे हैं। 2025 में अधिकतम पैदावार पाने के लिए और कुल लागत व उत्पादन की विस्तृत जानकारी देंगे।
बुवाई का अनुकूल समय और खेत की तैयारी
खरीफ सीजन में मूंगफली की बुवाई के लिए जून मध्य से लेकर जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह तक का समय सबसे उत्तम होता है। समय पर बुवाई से फसल बेहतर तैयार होती है। खेत की तैयारी के लिए 1–2 बार कल्टीवेटर चलाएं, मिट्टी को भुरभुरी करें, और रोटावेटर या डिस्क हेरो का उपयोग करें। ऐसे खेत का चयन करें जहां जल निकास अच्छा हो, जलभराव न होता हो। ऊँचे स्थानों पर बेड विधि से खेती करना चाहिए।
बेसल डोज और खादों की जानकारी
मूंगफली की उन्नत खेती की तैयारी के समय बेसल डोज में एनपीके 12:32:16 (2 बैग यानी 100 किलो) डालें, जिससे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तीनों मिलें। दीमक या वाइट ग्रब की समस्या के लिए रीजेंट अल्ट्रा 3 किग्रा/एकड़ डालें। यदि एनपीके न हो तो एसएसपी 3 बैग, डीएपी 1 बैग, एमओपी 30 किलो और रीजेंट अल्ट्रा का संयोजन उपयोग करें। इसके अलावा तीन ट्रॉली गोबर खाद भी मिलाएं। बेड की चौड़ाई 3 फीट, सेंटर से सेंटर की दूरी 4–4.5 फीट और ऊंचाई 1 फीट रखें।
मूंगफली की उन्नत किस्में (बेस्ट वैरायटीज)
- RG-510: सबसे उन्नत किस्म, 140–150 दिन में तैयार, सबसे अधिक फुटाव और उपज।
- कादरी लपाक्षी-181: पुरानी लेकिन बेहतरीन उपज वाली किस्म।
- TG-37: 90 दिन में तैयार, रेतीली और मध्यम मिट्टी के लिए उपयुक्त।
- दुर्गा-425: 130 दिन में तैयार, अच्छी उपज।
- RG-559: रेतीली व दोमट भूमि के लिए उपयुक्त, 125 दिन में तैयार।
इनमें से किसी भी किस्म का चुनाव कर सकते हैं, आपकी जमीन और पानी की उपलब्धता के अनुसार।
बीज की मात्रा व बीज उपचार
एक एकड़ खेत के लिए 30–35 किग्रा बीज पर्याप्त होता है। बीज उपचार से गलन, फंगस और कमजोर अंकुरण की समस्या नहीं आती। इलेक्ट्रॉन या वर्डन एक्स्ट्रा जैसे उत्पादों से बीज ट्रीट करें। 1 किलो बीज पर 2–3 ml दवा का उपयोग करें।
बुवाई की दूरी और गहराई
लाइन से लाइन की दूरी 18 इंच, पौधे से पौधे की दूरी 3 इंच, और बीज की गहराई 2 इंच रखें। इस दूरी से बुवाई करने पर पौधों को पर्याप्त जगह मिलती है और उपज बेहतर होती है।
मूंगफली की उन्नत खेती में खरपतवार नियंत्रण
बरसात में खरपतवार की समस्या अधिक होती है। यदि डोरा, पंजा, देसी जुगाड़ या पावर वीडर है तो उनका उपयोग करें। ज्यादा बारिश और जुगाड़ की कमी हो तो खरपतवार नाशक (हर्बीसाइड) का प्रयोग करें:
- प्री इमरजेंट: पेंडीमेथालीन (स्टम्प एक्स्ट्रा), 500–600 ml/एकड़, बुवाई से पहले स्प्रे करें।
- पोस्ट इमरजेंट: प्रोपाक्ज़ा फॉम 2.5% + एमोजीथापर 3.75% ME, 800 ml को 200 लीटर पानी में मिलाकर, 28–30 दिन पुरानी फसल पर स्प्रे करें। यह चौड़ी और संकरी दोनों प्रकार की पत्तियों वाले खरपतवारों पर असरदार है।
ये भी देखे : चकोरी की खेती ने बदला किसान की किस्मत: एक एकड़ में कमाएं 4-5 लाख रुपये
उत्पादन क्षमता और अंतिम सुझाव
मूंगफली की उन्नत खेती आप सही वैरायटी, समय पर खाद, सिंचाई, दवाइयों और खरपतवार नियंत्रण अपनाते हैं तो मूंगफली की फसल से 16–18 क्विंटल/एकड़ और नई किस्मों से 55–60 क्विंटल/हेक्टेयर तक उत्पादन संभव है। बेड विधि अपनाकर 25–30% पैदावार बढ़ाई जा सकती है।अंत में यही कहेंगे कि समय, बीज उपचार, बेस्ट वैरायटी, खाद, सिंचाई और स्प्रे का सही शेड्यूल अपनाकर मूंगफली की उन्नत खेती में किसान भाई बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
Pingback: बारिश के सीजन में खीरे की खेती से कमाएं 2 से 5 लाख रुपये