
धनिया की खेती
नमस्कार! आपने देखा होगा कि अधिकतर सितंबर और अक्टूबर महीने में धनिया के बाजार भाव आसमान छू रहे होते हैं। अभी भी धनिया की कीमतें काफी ज्यादा हाई हैं। पहले की वैरायटीज़ 60-65 दिन में तैयार होती थीं यानी लगभग ढाई महीने लग जाते थे। लेकिन अब एक ऐसी बेस्ट वैरायटी आ गई है जो मात्र 30-35 दिन में तैयार हो जाती है। जी हां दोस्तों, इस वैरायटी से किसान भाई जल्दी फसल तैयार कर सकते हैं और बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
बुवाई का सही समय
बरसात के मौसम में धनिया की खेती करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि पौधे उतनी अच्छी तरह नहीं बढ़ते। इसलिए जो किसान चौकस रहते हैं, वे बरसात खत्म होते ही खेत की तैयारी करके जल्दी बुवाई कर देते हैं। सितंबर से मध्य अक्टूबर तक धनिया की बुवाई सबसे सही रहती है। जितनी जल्दी आप बुवाई करेंगे, उतना ही अच्छा प्रॉफिट मिलेगा।
धनिया की खेती की तैयारी और खाद
खेत की तैयारी के लिए सबसे पहले 2 बार कल्टीवेटर चला लें, ताकि मिट्टी अच्छी तरह भुरभुरी हो जाए। इसके बाद खेत में 3 ट्रॉली अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिला दें। साथ ही 25 किलो डीएपी और 25 किलो एसएसपी भी डालें। ऐसा करने से मिट्टी ज्यादा उपजाऊ बनेगी और फसल की बढ़वार शानदार होगी।
धनिया की खेती की बेस्ट वैरायटी
30-35 दिन में तैयार होने वाली बेहतरीन वैरायटी है इंडो अमेरिकन की ‘इंडम सुपर 30’। यह वैरायटी जल्दी अंकुरित हो जाती है क्योंकि इसके बीज पहले से ही दो भागों में होते हैं और बीज उपचारित होते हैं। यदि आप दूसरी वैरायटी का चुनाव करते हैं तो बीज उपचार करना जरूरी है।
बीज उपचार के लिए कार्बेंडाजिम + मेंकोजेब (C-75 फंगीसाइड) का उपयोग करें। 1 किलो बीज के लिए 4-5 ग्राम फंगीसाइड से उपचार करना चाहिए।
बुवाई की विधि
धनिया की बुवाई आप छिटका विधि से कर सकते हैं या फिर मशीनरी (सीडलर/मिनी सीडलर) से भी कर सकते हैं। बुवाई के समय ध्यान रखें कि हरी धनिया और अंगती धनिया के लिए एक एकड़ में 10-12 किलो बीज लगते हैं, जबकि सामान्य सीजन में केवल 6-7 किलो बीज काफी होता है।
धनिया की खेती में सिंचाई और देखभाल
सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर या रेन पाइप का प्रयोग करें और हल्की-हल्की सिंचाई करें। लगभग 7-8 दिन में अच्छे अंकुरण की संभावना होती है।
ध्यान दें कि अगर खेत में पहले ज्यादा मात्रा में खरपतवार नाशक (जैसे मीरा-71, ग्लाइफोसेट, राउंडअप) का इस्तेमाल किया गया है तो मिट्टी में 4 महीने तक असर रहता है और इससे धनिया सूख सकता है। इसलिए ऐसे खेतों से बचना चाहिए।
मौसम की चुनौतियां
इस समय दिन का तापमान 32 से 35 डिग्री तक पहुंच रहा है, जबकि रात में मौसम ठंडा हो जाता है। इसी वजह से फसल पर सफेद मक्खी का हमला, पत्तियों में पीलापन और वजन कम होने जैसी दिक्कतें देखने को मिलती हैं। लेकिन नवंबर में मौसम संतुलित रहता है, इसलिए तब ये समस्याएं नहीं होतीं और फसल बिना ज्यादा स्प्रे किए ही आसानी से तैयार हो जाती है।
खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार नियंत्रण के लिए सबसे अच्छा तरीका है निराई-गुड़ाई। 18-20 दिन पर जब धनिया की फसल छोटी हो तब मजदूरों से खरपतवार निकलवा दें। रासायनिक खरपतवार नाशक का प्रयोग करने से बचें।
धनिया की खेती में लागत और मुनाफा
धनिया की खेती अगर व्यवस्थित तरीके से की जाए तो मात्र 30-40 दिन में फसल तैयार हो जाती है। इस पर कुल लागत लगभग ₹10,000 से ₹12,000 आती है और एक एकड़ से किसान ₹3 से ₹4 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं।
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