धान में दूसरी खाद कब और क्यों जरूरी है
किसान भाइयों, अभी तक आप सभी पहला खाद दे चुके हैं। अब हर किसान के मन में यही सवाल है कि दूसरा खाद में कौन सा उत्पाद देना चाहिए। धान में दूसरी खाद ऐसा होना चाहिए कि डालने के बाद तुरंत असर दिखाए, कल्ले की अच्छी वृद्धि लाए, फुटाव बढ़ाए, बालियां ज्यादा निकाले और आगे चलकर दाने को भी अच्छे से भरे। इसलिए दूसरा खाद चुनना बहुत सोच-समझकर जरूरी है।
धान में दूसरी खाद दूसरे खाद का महत्व
पहला खाद फसल को शुरुआती वृद्धि देता है जिसका असर 20 से 40 दिन तक रहता है। लेकिन आगे कल्ले की वृद्धि, बाली बनने और दाना भरने के लिए बीच में दूसरा खाद देना जरूरी है। दूसरा खाद ऐसे तत्वों से बना होना चाहिए जो इन सभी प्रक्रियाओं में मदद करे।
धान में दूसरी खाद में जरूरी पोषक तत्व
धान में दूसरी खाद में सबसे पहले देना है यूरिया। यह 20–30 दिन में बने कल्ले की वृद्धि और नए कल्ले लाने में मदद करता है, साथ ही आगे बालियों के बनने में सहायक है। यूरिया के साथ देना है म्यूरेट ऑफ पोटाश। पोटाश बाली में ताकत लाता है, ऊर्जा ट्रांसफर करता है, पौधे को तनाव से बचाता है और क्वालिटी सुधारता है।
धान में दूसरी खाद देने का सही तरीका
यूरिया या पोटाश देने से पहले ध्यान रखें कि खेत में ज्यादा पानी खड़ा न हो, सिर्फ कम मात्रा में पानी हो। इससे पौधा जल्दी पोषक तत्व ले पाएगा और असर जल्दी दिखेगा, वरना खाद पानी में घुलकर बह सकता है।
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जिंक और सूक्ष्म पोषक तत्व की जरूरत
अगर शुरू में जिंक नहीं दिया है और फसल में पीलापन है, तो इस स्टेज पर जिंक सल्फेट 33% (4–5 किलो प्रति एकड़) या छिड़काव के रूप में जिंक 12% ईडीटीए (100 ग्राम प्रति एकड़) जरूर दें। यह आगे उत्पादन पर असर डालने से बचाता है।
धान में दूसरी खाद की मात्रा
यूरिया: 20–25 किलो प्रति एकड़ ,पोटाश: अगर पहला खाद में आधा बैग दिया था, तो अब बाकी आधा बैग दें। अगर पहला खाद में पूरा बैग दे दिया था तो इस बार पोटाश न दें।
ह्यूमिक + फल्विक एसिड का उपयोग
अगर पहला खाद में ह्यूमिक + फल्विक एसिड नहीं दिया है , या फसल में कल्ले कम हैं, तो दूसरा खाद में 2 किलो प्रति एकड़ जरूर दें। यह तुरंत असर दिखाता है और कल्ले, फुटाव, बाली और दाने के विकास में मदद करता है।