जैविक खेती
भारत में जैविक खेती की दर बढ़ते जा रही है क्योंकि किसानों का निरंतर कीटनाशकों का उपयोग करने से लोगों में बीमारी एवं अधिक लागत आने के कारण किसानों को कम मुनाफा प्राप्त हो रहा है एवं किसानों के शरीर में बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता नष्ट हो रही है और उत्पादकता भी खराब हो रहा है।इसलिए जैविक खेती करके किसान कम लागत में अधिक मुनाफा प्राप्त कर सकता है साथ ही साथ अपने सेहत का भी ख्याल रख सकता है और इसमें मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समय तक बने रहती है।
जैविक खेती को बढ़ाने के लिए आज हम इस ब्लॉक के माध्यम से घर की सामग्री से जैविक कीटनाशक बनाने की विधि बताएंगे। जिससे कि किसान भाइयों की सहायता हो सके।
जैविक कीटनाशक बनाने की विधि
जैविक कीटनाशक बनाने के लिए सबसे पहले आपको मिट्टी के बर्तन या प्लास्टिक के ड्रम का चयन करना होगा जो कि बड़े आकार का हो इसके बाद आपके घर की सामग्री जैसे की 1/2 किलो अदरक ,1/2 किलो प्याज 1/2 किलो लहसुन एवं 1/2 किलो तीखी मिर्च की मात्रा लेना है इसके साथ-साथ आपको 8 से 10 लीटर गुनगुना पानी लेना है। इन सभी सामग्री को एक साथ अच्छी तरीके के मिलकर पीस लेना है जिससे इसकी चटनी बन जाए। तैयार मिश्रण को 8 से 10 लीटर गुनगुने पानी में मिले। और इसे पूरे दिन के लिए ढक के रख दें।
जैविक कीटनाशक का उपयोग
जैविक कीटनाशक का उपयोग करने के लिए इसको 15 से 20 लीटर पानी में 250 से 300 ml मिलाए और खेतों में स्प्रे करें ध्यान रखें मिलने से पहले जैविक कीटनाशक को अच्छी तरह से छान ले।u यह छिड़काव 15 से 20 दिन के अंतराल में करें जिससे कीटों का नियंत्रण आसानी से हो जाए।
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कीटों में नियंत्रण
यह कीटनाशक चूसने वाले कीट इल्ली जैसे की थ्रिप्स , व्हिटफ्ली ,एसिड ,बीटल जैसे आदि कीटों और फफूंद लोगों के लिए उपयोग की जाती है।और अधिक के प्रकोप होने पर इसमें तीखी मिर्च की मात्रा 1 से 1.5 किलो तक बढ़ाने पर यह उसे भी नियंत्रित कर सकती है।
जैविक कीटनाशक के लाभ
- जैविक कीटनाशक को बनाने की लागत कम आती है।
- इसको आसानी से घर में तैयार किया जा सकता है।
- इसका उपयोग करने से मानव शरीर में कोई हानि नहीं पहुंचती है।
- इसका उपयोग से मिट्टी की उर्वरता में कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- किसानों को खेती में कम लागत लगती है।
- फसल से अधिक मुनाफा प्राप्त होता है।
आजकल के किसान कीटनाशक एवं फफूंदनाशी की ऊपर निर्भर है जिसमें रसायन होने के कारण फसलों के साथ-साथ मानव शरीर को भी नुकसान पहुंच रहा है एवं मिट्टी के उपज भी काम हो रही है इसलिए यह ध्यान में रखते हुए हमें कम से कम रसायन कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए एवं जैविक खेती की ओर अपने कदम बढ़ाने चाहिए और जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशकों का उपयोग करना चाहिए जिस की मिट्टी की उपज बनी रहे एवं किसान के शरीर और मानव स्वास्थ्य पर भी कोई असर ना हो इसके साथ-साथ फसल भी स्वास्थ्य और अच्छी बने।
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