आजकल खेती में रासायनिक खाद और कीटनाशकों के बढ़ते प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता घट रही है और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ऐसे में जैविक खेती (Organic Farming) एक बेहतर विकल्प बनकर उभरी है। यह न केवल पर्यावरण के अनुकूल है बल्कि फसल की गुणवत्ता और किसान की आमदनी दोनों बढ़ाती है। साथ ही साथ मिट्टी को लंबे समय तक उपजाऊ बनाकर रखता है।जैविक खेती को पूरी तरह अपनाने में तीन साल लग जाते है लेकिन यहाँ लंबे समय तक आपको फ़ायदा देती है और फसल के उत्पादक को बढ़ती है।
जैविक खेती क्या है?
जैविक खेती एक ऐसी खेती की विधि है जिसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक या हार्मोन का प्रयोग नहीं किया जाता। इसकी जगह गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नीम के अर्क जैसे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाता है इसमे जैविक रूप से फसल के रोग , कीट और खाद का प्रबंधन किया जाता है।
जैविक खेती कैसे शुरू करें
भूमि की तैयारी
जैविक खेती शुरू करने से पहले भूमि की तैयारी करते समय किसी भी रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं करना है और जब खेत में जुताई की जाती है तो उसके पहले मिट्टी पर या खेत में जैविक खाद जैसे कि वर्मी कंपोस्ट गोबर की खाद एवं अन्य जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं या उसके पहले मिट्टी की जांच कर उसके पोषक तत्व के आधार पर जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं एवं खाद को मिट्टी में अच्छी तरह से मिला दें और कुछ समय के लिए खेत को खाली छोड़ दें।
बीज का चयन
भूमि की तैयारी के बाद जैविक बीज का चयन करें जिसमें देसी या प्रमाणित बीच का उपयोग कर सकते हैं ध्यान रहे बी रसायनों के द्वारा उपचारित ना हो एवं जैविक रूप से बीजों का उपचारित करने के लिए नीम पाउडर गोमूत्र या जैविक फंगीसाइड जैसे की ताई कोडरमा आदि का उपयोग कर सकते हैं।
जैविक खाद का उपयोग
जैविक खेती में रसायनों का उपयोग आपको नहीं करना है पौधे की वृद्धि और उत्पादन को बढ़ाने के लिए जैविक खाद जैसे गोबर की खाद वर्मी कंपोस्ट वर्मी वाश जीवामृत एवं बायोफर्टिलाइजर जैसे खादो का इस्तेमाल कर सकते हैं एवं खेत को खरपतवारों से बचने के लिए जैविक रूप से निराई गुड़ाई और कार्बनिक मल्चिंग का उपयोग कर सकते हैं या फिर प्लास्टिक मल्चिंग का भी उपयोग कर सकते हैं जिससे खेत में खरपतवार आसानी से नियंत्रण हो सकते हैं
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किट और रोग नियंत्रण
अधिकतर किसान किट और रोग नियंत्रण के लिए रासायनिक दवाइयां के ऊपर निर्भर रहते हैं जिससे उनकी लागत अधिक लगती है और साथ ही साथ कीटों में नियंत्रण भी पूर्णता नहीं हो पता इसलिए जैविक खेती में कीटों के नियंत्रण के लिए नीम का तेल बायो पेस्टिसाइड ,बायो एजेंट एवं फसल चक्र की सलाह दी जाती है साथ ही साथ कीट एवं रोक नियंत्रण के लिए खरपतवार का नियंत्रण भी अति आवश्यक है।
इन दिए हुए चरण को आप फॉलो करके जैविक खेती की शुरुआत कर सकते हैं और अपनी फसल को जैविक रूप से उगा सकते हैं यह आपकी 3 फसल साल में 100% ऑर्गेनिक हो जाएगी, पहले साल में 30% जैविक और 70% कैमिकल का उपयोग करें, दूसरे साल पर 50% ऑर्गेनिक 50% केमिकल का उपयोग करें एवं तीसरे साल में 75 से 100% आपकी ऑर्गेनिक फसल हो जाएगी। एकदम से रसायनों का उपयोग करना बंद ना करें उचित अनुपात को लेकर चलें ताकि आपका नुकसान कम से कम हो एवं मुनाफा अधिक से अधिक हो।
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