कनेर का फूल घर में लगाएं या नहीं? सच जानकर आप हैरान रह जाएंगे!

कनेर का फूल
कनेर का फूल न केवल अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है बल्कि इसके हिंदू धर्म में धार्मिक, आयुर्वेदिक और वास्तु शास्त्र में भी विशेष महत्व है लेकिन लोग अक्सर यह चिंता में रहते हैं की क्या कनेर का फूल घर पर लगाना शुभ होता है या नहीं इसलिए आज हम इस ब्लॉक के माध्यम से आपको कनेर के फूल की पूरी जानकारी देंगे।

क्या कनेर का फूल घर में लगाएं या नहीं

हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र के अनुसार कनेर का पौधा सकारात्मक ऊर्जा देता है  जिससे घर में सकारात्मक अनुभूति पैदा होती है यह एक सुंदर, सुगंधित फूल वाला पौधा होता है जो की सफेद, पीले, गुलाबी और लाल रंगों में पाया जाता है इसके   साथ-साथ यह बगीचे की शोभा बढ़ाता है और सुंदरता के साथ-साथ वातावरण को भी अच्छा रखता है धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो कनेर का फूल का उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है विशेष रूप से इस फूल का उपयोग भगवान शिव और विष्णु को चढ़ाने के लिए किया जाता है।

कनेर का फूल लगाने के उपाय

कनेर कपूर गर्म जलवायु में आसानी से उगता है और बहुत कम देखभाल में पनप जाता है इसके लिए धूप वाली जगह अच्छी मानी जाती है पौधा लगाने के लिए मिट्टी मिश्रण तैयार करें जिसमें गार्डन सॉइल,कोकोपीट और वर्मी कंपोस्ट का उचित मात्रा मिलाकर मिश्रण तैयार करें इसके बाद एक गमले में छेड़ कर, मिट्टी को भारी एवं पौधे को गमले में रोक दें, ध्यान रखें पौधे को धूप वाली जगह पर रखें क्योंकि धूप में कनेर का पौधा अधिक वृद्धि करता है।

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कनेर का फूल के फायदे 

कनेर का फूल का उपयोग आयुर्वेदिक औषधीय के रूप में किया जाता है जिसमें इसका प्रयोग त्वचा रोग, बुखार ,गाव के इलाज में किया जाता है साथ ही साथ यह वातावरण को शुद्ध करता है और कीटों को दूर रखने में मदद करता है इसका उपयोग सजावटी और सुंदरता को बढ़ाने के लिए भी किया जाता है क्योंकि कनेर के पौधों में भिन्न-भिन्न रंग के फूल आते हैं जैसे सफेद,पीला, लाल, गुलाबी इत्यादि जिससे आपके घर की सुंदरता और शोभा दोनों को बढ़ाता है और घर पर सकारात्मक अनुभूति को बढ़ाता है।

क्या कनेर का फूल जहरीला होता है

कनेर का पूरा पौधा जहरीला तो नहीं होता लेकिन उसके कुछ भागों पर विषाक्त तत्व पाए जाते हैं इसके पत्ती और डंठल में ऑडियो ड्रिंक दाइजी टॉक्सिन थायराइड जी जैसे कुछ टॉक्सिक सब्सटेंस पाए जाते हैं जो की गलती से भी खाने या लगने पर खतरनाक साबित हो सकते हैं यह टॉक्सिन सब्सटेंस कॉर्डियल ग्लाइकोसाइड होते हैं जो कि दिल की धड़कन पर असर डालते हैं और अधिक मात्रा से सेवन करने से हार्ट फेल्योर तक हो सकता है इसलिए इसे छोटे बच्चों से और जानवरों से दूर रखें एवं फूल को तोड़ते समय या छूट समय हाथ को अच्छे से धुले।

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FAQ

कनेर का फूल कैसा होता है?

उत्तर:
कनेर का फूल सुंदर, मध्यम आकार का और पांच पंखुड़ियों वाला होता है। इसकी पत्तियाँ लंबी और हरी होती हैं। यह पौधा झाड़ीदार होता है और गर्म जलवायु में तेजी से बढ़ता है। फूलों में हल्की से मध्यम खुशबू होती है।

कनेर फूल का रंग कैसा होता है?

उत्तर:
कनेर के फूल मुख्यतः
सफेद, पीले, गुलाबी और लाल रंगों में पाए जाते हैं। कुछ प्रजातियों में हल्के बैंगनी या मिश्रित रंग भी देखने को मिलते हैं। इन फूलों के चमकीले रंग इन्हें सजावटी और धार्मिक दृष्टिकोण से खास बनाते हैं।

कनेर का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर:
कनेर का वैज्ञानिक नाम
Nerium oleander है।
इसके अन्य नाम इस प्रकार हैं:

  • संस्कृत में: करवीर (Karveer)
  • अंग्रेज़ी में: Oleander
  • मराठी में: कण्हेर
  • तमिल में: अऱळी (Arali)
  • तेलुगु में: గన్నేరు (Ganneru)

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