mushroom ki kheti : घर बैठे आसानी से कर सकते है मशरुम की खेती, बदल जायेगी आपकी किस्मत

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

मशरुम की खेती

मशरूम की खेती

मशरूम एक प्रकार का कवक होता है ये पौधे की श्रेणी में नहीं आता है।मशरूम में पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिसके कारण इसकी बाज़ार में माँग बढ़ते जा रही है।जिससे  मशरुम की खेती की माँग बढ़ गई है। जिसकी खेती करके  किसान आसानी से लाभ कमा सकते है।मशरुम की खेती में कम निवेश में अधिक मुनाफ़ा कमा सकते है।

मशरूम की खेती के लिए आपको सबसे पहले मशरूम की प्रकार की जानकारी पता होना चाहिए।वैसे तो मशरुम में विभिन्न प्रकार होते है। लेकिन इसमें से भी कुछ ही मशरुम का उपयोग किया जाता है। जिसमे से ऑयस्टर मशरूम, बटन मशरूम, पेडी स्ट्रॉ मशरूम एवं शिटाके मशरूम  का उपयोग किया जाता है।इसमें भी सबसे अधिक ऑयस्टर मशरुम और बटन मशरुम की खेती की जाती है।बटन मशरुम की खेती के लिए लगभग 28-30 डिग्री सेल्सियस तापमान की होना चाहिए।और ऑयस्टर मशरुम की खेती के लिए लगभग 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।

मशरूम की खेती कैसे करें

जगह का चुनाव:

मशरुम की खेती के लिए आपको साफ़ जगह का चयन करना चाहिये।चयन की गई जगह हवादार होनी चाहिए।इस जगह में आपको एक शेड बनाना पड़ेगा जो की आप बॉस की सहायता से बना सकते है।या फिर आप अपने घर के किसे भी स्थान का इस्तेमाल कर सकते है।जिसमे आपको तापमान और अद्रता को  बनाये  रखना होगा।ये मशरूम की खेती में लिये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

कम्पोस्ट की तैयार:

कम्पोस्ट तैयार करना मशरुम की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है।क्यों की इसके ऊपर मशरुम की खेती की जाती है। कम्पोस्ट को विभिन्न विधि से तैयार किया जा सकता है।कम्पोस्ट तैयार करने के लिए विभिन्न पौधे के अवशिष्ट  जिसमे गेहूं का भूसा, चावल  का भूसा और सोयाबीन  का भूसा इस्तेमाल करे। जिसने सोयाबीन का भूसा अच्छा माना जाता है।इस भूसे  में पोषक तत्व बढ़ाने के लिए आप इसमें कुछ मात्रा में यूरिया, सुपरफास्फेट और  जिप्सम मिलाये। सबको एक साथ मिलाकर  कम्पोस्ट तैयार करे।ध्यान रखें कि तैयार किये गये कम्पोस्ट में 65-75% नमी की मात्रा उपस्थित होनी चाहिए।और कम्पोस्ट का pH मन लगभग 8-8.5 होना चाहिए।इसमें नाइट्रोजन और अमोनिया की मात्रा को भी नियंत्रित रखना चाहिए।

खेती के लिए तैयार कम्पोस्ट को आप बड़े आकार के बेड  में डाल सकते है या  फिर पॉलीथिन के बैग में भी भर सकते है। जिसकी क्षमता लगभग 8-10 किलो ग्राम होनी चाहिए। इसमें खाद को डालकर बिछाकर कुछ हफ़्ते के लिए स्थिर होने के लिए छोड़ दिया जाता है।

ये भी पढ़े : मशरुम की ट्रेनिंग की संपूर्ण जानकारी

बीज लगाना:

मशरुम के बीजों को विभिन्न तरीको से खाद में मिलाया जा सकता है।मुख्यता इसमें दो विधि का अधिक इस्तेमाल किया जाता है जिसमें सतह स्पैनिंग और  परत स्पैनिंग का इस्तेमाल किया जाता है।सतह विधि में कम्पोस्ट के ऊपरी सतह में बीज को डाला जाता है।और उसके ऊपर कम्पोस्ट की पतली परत को बिछा दिया जाता है।परत स्पैनिंग में बीजों को परत दर परत डाला जाता है और उनके बीच खाद को डाला जाता डाला जाता है। ये दोनों विधि का उपयोग स्पैनिंग के लिये किया जाता है।

मशरुम की कटाई:

मशरुम की कटाई 4cm की कैप में की जाती है। इसकी कटाई के लिए हाथो का इस्तेमाल किया जाता है।कैप को हाथो की सहायता से हल्का घुमा के तोड़ा जाता है।कटाई के समय हाथो में ग्लव्स फेंकना चाहिए। कटाई के बाद मशरुम को आप बॉक्स या फिर पॉलीथिन में पैक करके रख सकते है।

ये भी देखें : गैंदा की खेती की संपूर्ण जानकारी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
ऐसे करें गुडहल के पौधे की देखभाल ..जानिये आसान तरीके रखना चाहते है अपने मनी प्लांट को हरा भरा तो अपनाये ये टिप्स Easy Way To Grow Curry Leaf Plant how to plant daffodil bulbs 9 flower plants are good for cottage gardens