
बारिश के मौसम में खीरे की खेती कर आप केवल 3 से 3.5 महीने में 2 से 5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। क्योंकि यह समय खीरे की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। खीरे के बीज के अंकुरण के लिए 18°C और फसल के विकास के लिए 25-30°C तापमान सबसे अच्छा होता है, जो बारिश के समय आसानी से मिल जाता है। हालांकि अत्यधिक बारिश नुकसानदायक हो सकती है,
बारिश से खीरे की फसल को कैसे बचाएं?
अत्यधिक बारिश से फसल बर्बाद हो सकती है, लेकिन इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। मैंने दो अलग-अलग प्रकार के इलाकों के लिए दो तरीके बताए गए हैं, जिससे आप खीरे की फसल को बारिश से सुरक्षित रखते हुए अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
खीरे की बुवाई का सही तरीका (कम बारिश वाले क्षेत्र)
जिन क्षेत्रों में अगस्त में 7 से 15 दिन तक ही बारिश होती है, वहां किसान भाइयों को बीच के 7-10 दिन के सूखे समय का फायदा उठाकर खेत की जुताई और हकाई कर लेनी चाहिए। इसके बाद बेड बनाकर बीजों की बुवाई करनी चाहिए।
बेड बनाने के लिए उपयुक्त दूरी इस प्रकार रखें,दो बेड के बीच की दूरी – 5 फीट , एक बेड की चौड़ाई – 2.5 फीट ,एक बेड पर दो लाइन – दोनों के बीच की दूरी – 1 फीट ,एक बीज से दूसरे बीज की दूरी – 2.5 फीट ,बीजों को ज़िगज़ैग तरीके से बोना है।
खीरे की नर्सरी तैयार करें (ज्यादा बारिश वाले क्षेत्र)
जिन इलाकों में अगस्त से लेकर 15 सितंबर तक भारी बारिश होती है, वहां खेत में सीधी बुवाई नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में अगस्त के अंत में डिस्पोजेबल ग्लास में नर्सरी तैयार करें और 20 से 30 सितंबर के बीच पौधों को खेत में ट्रांसप्लांट करें।
जब अन्य किसान बीज लगाएंगे, तब आपके पास पहले से तैयार एक महीने पुराने पौधे होंगे जिससे आप 1 महीने पहले उत्पादन ले पाएंगे। पौधों की संख्या – लगभग 8000 प्रति एकड़।
खीरे की खेती के लिए उन्नत किस्में (Top Varieties)
खीरे की खेती के लिए निम्न चार किस्मों में से किसी एक का चुनाव करें:
- ग्लॉसी – सिजता कंपनी
- मालिनी – सेमिनस
- पद्मनी – सेमिनस
- कृष – VNR

अपने क्षेत्र के अनुसार किसान भाइयों से सलाह लेकर सही वैरायटी का चयन करें।
खीरे की खेती के लिए खेत का चयन और ढलान का ध्यान
जिन किसानों ने अगस्त में बुवाई की है, उन्हें ऐसे खेत का चुनाव करना है जहां जल भराव न हो। खेत को हल्के ढलान पर बनाएं जिससे बारिश का पानी बहकर निकल जाए। दूसरी ओर, नर्सरी से पौधे लगाने वाले किसान इस समस्या से वैसे भी सुरक्षित रहते हैं।
खीरे की खेती में खाद प्रबंधन (Scientific Fertilizer Use)
फसल की सही वृद्धि और उत्पादन के लिए वैज्ञानिक तरीके से खाद डालना ज़रूरी है।
- 10 से 30 दिन की अवस्था में – NPK 19:19:19
- फूल आने पर – कैल्शियम नाइट्रेट + बोरोन
- फल बनने पर – NPK 13:45:13
खेत की तैयारी, खाद की मात्रा आदि की विस्तृत जानकारी के लिए आप कमेंट कर सकते हैं ।
खीरे की खेती के साथ इंटरक्रॉपिंग करें और लागत निकालें
खेती की लागत कम करने और अधिक लाभ पाने के लिए खीरे के साथ इंटरक्रॉपिंग की सलाह दी गई है।
अगस्त में बुवाई करने वाले किसान – गेंदे के फूल की इंटरक्रॉपिंग करें।
गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, दशहरा और दिवाली के दौरान गेंदे की मांग और कीमतें अधिक होती हैं।
सितंबर में बुवाई करने वाले किसान – रूट वेजिटेबल्स (गाजर, चुकंदर, मूली) लगाएं।
इनकी बुवाई का सही समय सितंबर का अंतिम सप्ताह है और ठंड में अच्छा भाव मिलता है।
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खीरे की खेती में उत्पादन और कमाई का अनुमान
बारिश के मौसम में एक एकड़ से लगभग 150 क्विंटल तक खीरे का उत्पादन लिया जा सकता है।
- ₹10 प्रति किलो → ₹1.5 लाख
- ₹15 प्रति किलो → ₹2.25 लाख
- ₹20 प्रति किलो → ₹3 लाख तक

यह कीमत मंडी की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करती है। भाव आपके हाथ में नहीं, लेकिन अच्छा उत्पादन लेना आपके नियंत्रण में है।

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