लाल भिंडी की खेती
भिंडी की पारंपरिक खेती से नुकसान और नई क़िस्म का समाधान
भिंडी की खेती का समय शुरू हो चुका है जिसमें किसान भाइयों अधिकतर हरी भिंडी की खेती करते हैं जिससे उन्हें कम पैदावार और अधिक मुनाफा प्राप्त नहीं हो लेकिन अब किसान भाइयों को इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा क्योंकि हमारी भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी द्वारा भिंडी की ऐसी किस्म विकसित की गई है जिससे अधिक मुनाफा के साथ-साथ अधिक उत्पादन भी प्राप्त होगा। साथ साथ इसकी डिमांड मार्केट में दिन- प्रतिदिन बढ़ते जा रही है।
लाल भिंडी की खेती के लिए उन्नत किस्म
लाल भिंडी की किस्म VROR 157 जिसे काशी लालीमां के नाम से जाना जाता है।भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्था द्वारा विकसित की गई है। यह वैरायटी भिंडी की एक हाइब्रिड किस्म है।जो की अधिक उत्पादन के साथ-साथ पोषक तत्वों के भरपूर है। एवं यह वैरायटी लीफ कर्ल वायरस के प्रति प्रतिरोधी किस्म है और भिंडी की गंभीर बीमारी जो की येलो विन मोजैक वायरस है उसके लिए भी यह प्रतिरोधी किस्म है यह दोनों बीमारी सामान्य भिंडी की गंभीर बीमारी है जो की वाइट फ्लाई के द्वारा पौधों में फैलती है इस किस्म से की खेती करने से किसानों को अधिक उत्पादन भी प्राप्त होगा साथ ही साथ यह बीमारी एवं कीटों के प्रति अधिक प्रतिरोधी किसमे है।
लाल भिंडी की खेती कैसे करे
खेत की तैयारी और खाद
लाल भिंडी की खेती समानता हरी भिंडी की तरह ही की जाती है लाल भिंडी की खेती के लिए खेत में एक बार गहरी जुताई करें उसके बाद एक एकड़ में 20 से 30 क्विंटल गोबर की खाद डालकर दोबारा से अच्छी तरह जुताई करें जिसमें मिट्टी में खाद अच्छी तरह मिल जाए ।
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बीज की मात्रा ,बुआई और दूरी
लाल भिंडी की खेती में बीज की बुवाई के लिए एक एकड़ में तीन से चार किलोग्राम प्रति एकड़ बीच की आवश्यकता होती है बीज बुवाई से पहले खेत में बेड तैयार करें जिसमें पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी रखें साथ ही साथ कतारों से कतारों की दूरी 60 सेंटीमीटर रखें। बुआई से वॉइस से पहले आप बीजी को कार्बेंडाजिम और मैंकोजेब की सहायता से बीज उपचारित कर सकते हैं।
सिंचाई प्रबंधन
लाल भिंडी की खेती अगर आप गर्मी में कर रहे हैं तो आपको 10 से 15 सिंचाई की आवश्यकता पड़ेगी।लेकिन अगर आप बरसाती भिंडी की खेती कर रहे हैं तो इसमें आपको पानी की मात्रा कम लगती है आप सिंचाई स्प्रिंकलर या ड्रिप इरीगेशन के माध्यम से कर सकते हैं दोनों की सुविधा न होने पर आप क्यारी विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रोग और कीट प्रबंधन
लाल भिंडी की क़िस्म की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसमें कीट एवं बीमारियों की समस्या बहुत कम होती है।जिससे किसान भाइयों के लिए यह क़िस्म भरोसेमंद साबित होती है।
भिंडी की तुड़ाई
यह फसल 45 से 60 दिन के अंदर तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है लेकिन भिंडी की खेती में तुड़ाई की भारी समस्या रहती है इसमें हर दो या हर तीन दिन में आपको तुड़ाई करना पड़ेगा। अगर तुड़ाई में समय हुआ तो आपकी भिंडी की क्वालिटी काम होने लगती है एवं फल में बीज विकसित होने लगते है जिससे फल कठोर हो जाते है।
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उत्पादन बाज़ार मूल्य और लाभ
इसका उत्पादन एक एकड़ में 40 से 50 क्विंटल निकलता है लाल भिंडी की मार्केट में कीमत 90 से 200 रुपए प्रतिकिलो तक है जिससे किसान को हरी भिंडी की तुलना में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं किसान इसमें आसानी से 2.5 से 3 लाख प्रति एकड़ तक का मुनाफा प्राप्त कर सकता है।
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